Hello And Welcome Friends
आपका स्वागत है मेरे ब्लॉग पर पिछले पोस्ट में हमने बात किया था। Database और इसके Advantage के बारे में और आज हम बात करने वाले हैं।
DBMS Users और Data Dictionary के बारे में चलिए शुरू करते हैं-
Database users को उनकी हम उनके अनुभव अर्थात उनके कार्य करने के तरीके किस प्रकार से वह कार्य करता है उसके कितने सारे Experiences है इस आधार पर व DBMS से उनकी सम्बद्धता (Relationship) के आधार पर निम्न प्रकार से Divide किया जा सकता है-
(1.) New User : ऐसे Users जिनको कोई काम कैसे हो रहा है इससे कोई मतलब नहीं होता है वे सिर्फ काम करते हैं। और कोई काम कैसे हो रहा है उससे कोई मतलब नहीं होता है। जैसे की मोबाईल फोन का उपयोग करने वाले उसका Use करते हैं लेकिन Mobile कैसे काम करता है उससे कोई मतलब नहीं होता।
इसी प्रकार ATM का उपयोग करने वाले Users इसी प्रकार के Users हैं।
इसी प्रकार ATM का उपयोग करने वाले Users इसी प्रकार के Users हैं।
(2.) Application User : Application User ऐसे Users होते हैं जो की किसी Online Users के लिए Application और Program को Dewlop करते हैं। ये एक प्रकार के Programr होते हैं। जो की पेशेवर या Self Programming करते हैं।
(3.) Shophisticated User : ये ऐसे User होते हैं जो की सिर्फ Query की मदद से Instructions को देते हैं। फिर इन Instructions(निर्देशों) को आगे Procces करने का काम Proccesor के द्वारा अलग अलग करके Work को पुरा किया जाता है।
(4.) Specialized User : ऐसे User जो कि बहुत ही अनुभवी होते हैं और अपने तथा किसी और के लिए Database का निर्माण स्वयं करते हैं। Data base Application का निर्माण करते हैं और स्वतन्त्र होते हैं।
* Database Administrator (DBA) : ऐसे Database User जिनका Control केन्दीय Database पूर्ण रूप से होता है। उन्हें हम Database Administrator कहते हैं।
DBA के मुख्य कार्य-
(1.) स्किमा की परिभाषा।
(2.) Storage Structure and Access Method की परिभाषा।
(3.) Schima व Physical Organization Modification.
(4.) Data Access के लिए Permisson देना।
(5.) Integrity Constraint Specifications.
(2.) Storage Structure and Access Method की परिभाषा।
(3.) Schima व Physical Organization Modification.
(4.) Data Access के लिए Permisson देना।
(5.) Integrity Constraint Specifications.
DBMS का Structure : Users के सुविधा या उपयोग के आधार पर DBMS को निम्न अवयवों में विभाजित कर सकते हैं-
1. Data Defination Language Compiler : यह DDL Compiler कथनों के Tables के समूह में परिवर्तित करता है। इस Table में Meta data होता है। जो की database से सम्बन्धित होता है। व ऐसे रूप में होता है जिसको DBMS के दुसरे अवयव भी उपयोग कर सके।
2. Data Manager : यह DBMS का केंद्रीय Software अवयव होता है। यह File System से Interfacing का कार्य करता है। व Data की एकरूपता स्थायित्व व सुरक्षा को बनाये रखता है। Data Manager User की क्यूरी के Operation को User के Logical View से Physical File System से परिवर्तित करने का कार्य करता है। यह Back-up Recovery Operations में भी भाग लेता है।
3. File Manager : File manager File Space व Files के Structure के कार्य को नियंत्रित व संचालित करता है। यह उस Block को ढूंढने का कार्य भी करता है जिसमें वह Record शामिल हो जिसकी हमको जरूरत हो। तत्प्श्चात Disk Manager से इस Block के लिए Request करता है और फिर अंत में उस Block को Data Manager जो देता है।
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